कुछ अश्क अँधेरों में……

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : ०४/०७/२०२१👉दिन : रविवार👉विधा : गजल👉बह्र : 22 11 22 11 22 11 22🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹【1】कुछ अश्क अँधेरों में बहाने के लिए है ।कुछ राज जमाने से छिपाने के लिए है ।【2】इक रात को खामोश निगाहों ने जगायाबरसात ये यादों की रुलाने के लिए है ।【3】है नींद कहीं और कहीं चैन गुमा हैकुछ बात है दिल […]

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हल ढूँढता हूँ…

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : २७/०६/२०२१👉दिन : रविवार👉विधा : गजल👉बह्र : 2122 2212 2122🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹【1】उलझनों का जीवन में हल ढूँढता हूँ ।बिखरे ख्वाबों को आजकल ढूँढता हूँ ।【2】कुछ वफ़ा के किस्से हसीं जिंदगी केछाये रहते यादों में वो पल ढूँढता हूँ ।【3】इस मुकद्दर ने कितने धोखे दिये हैंऔर कितना बाकी ये छल ढूँढता हूँ ।【4】कुछ निभाई रश्में रहीं गैर […]

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मैं यहाँ महमान हूँ…..

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : २०/०६/२०२१👉दिन : रविवार👉विधा : गजल👉बह्र : 2122, 212, 2122, 212🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹【1】आँसुओं ने ही पढ़ा, इक घुटा अरमान हूँ ।पत्थरों की राह पर, दर्द की दास्तान हूँ ।【2】टूटकर बिखरा नहीं जख्म को सीता रहामौत की आगोश में जी रहा हैरान हूँ ।【3】खेलते हैं खेल सब इंसानियत दिखती कहाँइक खिलौना बन गया खेल का सामान हूँ […]

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आँखें…

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : ३०/०५/२०२१👉दिन : रविवार👉विधा : गजल👉बह्र : 1222 1222 1222 1222🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹【1】हुए मदहोश कितने देख कजराई हुई ऑंखें ।लुटा दिल जब मिली नजरें तो शरमाई हुई ऑंखें ।【2】हुआ तकरार प्रीतम से, बनीं नाजुक कली सी वोमनाने पर ही मानेंगी, ये रुसवाई हुई ऑंखें ।【3】खफा होकर नजर फेरें, दिखी जब बेवफाई तोकहाँ फिर बात बनती है, […]

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….मुझे पहचान दे देना

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : २३/०५/२०२१👉दिन : रविवार👉विधा : गजल👉बह्र : 1222 1222 1222 1222🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹【1】रहा हूँ अजनबी बनकर, कोई पहचान दे देना ।लगे जो न्याय संगत तो, मुझे भी मान दे देना ।【2】कई किरदार जीता हूँ, पलों की चाहतें लेकरलगे प्यारा कभी कोई, उसे सम्मान दे देना ।【3】दिलों को छू लिया हो जो, सृजन प्यारा वही होताअगर भावों […]

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आँसू…..

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : २९/०४/२०२१👉दिन : गुरुवार👉विधा : गजल👉बह्र : 1222 1222 1222 1222🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹【1】कहीं सूखे कहीं ठहरे कहीं बहते दिखे ऑंसूहुआ मंजर यहाँ ऐसा घटा बनकर टिके आँसू ।【2】कहीं अपनों कहीं गैरों की पीड़ा ने किया घायलमगर अवसर इसे समझा नहीं उनमें बचे आँसू ।【3】न जाने क्यों बुझे से हैं अनेकों दिल के दीपक भीबने शायद कोई […]

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दिल गुलजार होना चाहिए…

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : १९/०४/२०२१👉दिन : सोमवार👉विधा : गजल👉बह्र : 2122, 2122, 2122, 212🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹【1】आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए ।जिंदगी का इक हसीं दीदार होना चाहिए ।【2】नफरतों ने जख्म कितनों को दिया है आजतकऐसी बातों से हमें इनकार होना चाहिए ।【3】खुद लुटाई है चमन ने फूल की खुशबू सदाहक सभी का एक सा इकरार होना चाहिए […]

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मौन ही थीं चाहतें…

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : ०४/०४/२०२१👉दिन : रविवार👉विधा : मुक्त छंद🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मौन ही थीं चाहतें, मौन ही रुसवाईयाँआँसुओं की धार में, भीगती परछाइयाँ ।【1】दिल की धड़कनों में, शोर पुरजोर थासाँसों की खुशबू में, कोई चितचोर थासहमे-सहमे से कदम मार्ग नित्य ढूँढतेउसकी निगाहों में मंजिल का छोर थाबेबसी की कहानी बोलती अंगड़ाइयाँमौन ही थीं चाहतें, मौन ही रुसवाईयाँ ।【2】जुबां के […]

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कोई सागर पिला देना…

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : २०/०३/२०२१👉दिन : शनिवार👉विधा : गजल👉बह्र : 1222 1222 1222 1222🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹【१】तलब बूंदों से ज्यादा है, कोई सागर पिला देना ।युगों की प्यास बाकी है, बुझी ख्वाहिश जिला देना ।【२】कभी थे पास जो अपने, नजर से दूर ही रहतेदिलों की कोशिशें जारी, कमल कोई खिला देना ।【३】सजी संवरी मगर रूठी, निगाहों में समाई हैबनाकर प्रीत […]

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छिपा बैठा सितारों में…

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कोई प्यासा किनारों में…

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वर्ष 2020

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👉दिनांक : ३१/१२/२०२०👉दिन : गुरुवार👉विधा : गजल👉बह्र : 122 122 122 12🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹कहाँ साल बीता, बिताया गया ।अँधेरों से दिल को लगाया गया ।🌹🌹कहीं थी जुदाई, कहीं गमजदातड़प को छिपाकर बहाया गया ।🌹🌹🌹कफन को लिए साथ घर से चलेबँधे फर्ज हाथों, बुलाया गया ।🌹🌹🌹🌹बसे जिनके दिल में, न दिल से लगेन रिश्तों का बंधन निभाया गया […]

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